गीतिका
प्रेम करले ज़िंदगी वरदान है
प्रीत सबसे जो करें इंसान है
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ज़िंदगी में सुख मिले दुख भी मिले
नाम प्रभु का जो जपे वह ज्ञान है
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दीन दुखियों की यहाँ सेवा करें
जान वह प्रभु की यहाँ संतान है
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ज़िंदगी की डोर उसके हाथ में
वह निभाता साथ हम अंजान है
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हाथ जोडे हम करें वंदन यहाँ
मुश्किलें जो समझता भगवान है
रेखा जोशी
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