सदा प्यार का मै जहाँ चाहता हूँ
नही चाहिये चाँद तारे मुझे सब
सदा आसमाँ अब खुला चाहता हूँ
…
कहाँ पास नफरत यहाँ चाहता हूँ
…नही चाहिये चाँद तारे मुझे सब
सदा आसमाँ अब खुला चाहता हूँ
…
न दामन उड़ाओ यहाँ पर हवाओ
ख़ुशी की लहर अब यहाँ चाहता हूँ
....
चलो आज दोनों चलें दूर सबसे
घरौंदा बनाना वहाँ चाहता हूँ
…
न चाहा सजन प्यार हमने कभी
यहाँ साथ तेरा सदा चाहता हूँ
रेखा जोशी
ख़ुशी की लहर अब यहाँ चाहता हूँ
....
चलो आज दोनों चलें दूर सबसे
घरौंदा बनाना वहाँ चाहता हूँ
…
न चाहा सजन प्यार हमने कभी
यहाँ साथ तेरा सदा चाहता हूँ
रेखा जोशी
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