ज़िंदगी हमारी हमसे खवा हो गई
किस कसूर की हमें आज सज़ा हो गई
क्यों रूठे रूठे हो तुम साजन हमसे
ऐसी हमसे आखिर क्या खता हो गई
रेखा जोशी
किस कसूर की हमें आज सज़ा हो गई
क्यों रूठे रूठे हो तुम साजन हमसे
ऐसी हमसे आखिर क्या खता हो गई
रेखा जोशी
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