Saturday, 30 April 2016

साथ रहना तुम कभी मत छोड़ना जानम आज


अब सिमटते है उजाले थाम कर आँचल  आज
फिर सुबह आती नई खुशियाँ लिये दामन आज
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देख तेरे नैन हम उसमे समा कर रह गये
बाँध कर तुमने हमें क्यों कर रखा साजन आज 
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तुम हमे क्यों कर सताते हो सदा यूँ ही सनम
छोड़ कर गर चल दिये आये न हम  बालम आज
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रात के साये हमें रह रह डराते है सनम
साथ रहना  तुम कभी मत छोड़ना जानम आज
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रात फिर से  डूब जाये गी अँधेरे में सनम
चाह जीवन में उजालों की हमे प्रियतम आज

रेखा जोशी


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