फ़ूलों से सजी आज क्यारी है
अँगना खिली आज फुलवारी है
,
है आये अँगना पिया हमारे
चाँदनी की छटा मतवारी है
,
नाचते झूम झूम मोर बगिया
कुहुके कोयल डारी डारी है
,
गुन गुन गुंजित भँवरे फूलों पर
चूमते सुमन बारी बारी है
,
छाई मदहोशी चहुँ ओर आज
धड़कन बस में नहीं हमारी है
रेखा जोशी
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