याद तेरी हमें पिया आने लगी
मधुर गीत अब ज़िन्दगी गाने लगी
चाँद ने ली आज अंगड़ाई सजन
चाँदनी अब यहाँ मुस्कुराने लगी
,
जब चाँद छुपा है बादल मेँ, तब रात यहॉं खिल जाती है
घूँघट ओढ़ा है अम्बर मेँ, चाँदनी यहाँ शर्माती है
तारों की छाया मेँ मिल के ,आ दूर कहीं अब चल दें हम
हाथों में हाथ लिये साजन,ज़िन्दगी बहुत अब भाती है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment