Wednesday, 3 May 2017


याद तेरी हमें पिया आने लगी 
मधुर गीत अब ज़िन्दगी गाने लगी
चाँद ने ली आज अंगड़ाई सजन 
चाँदनी अब  यहाँ मुस्कुराने  लगी 
,
जब चाँद छुपा है बादल मेँ, तब रात यहॉं खिल जाती है
घूँघट ओढ़ा है अम्बर मेँ, चाँदनी यहाँ शर्माती है
तारों की छाया मेँ मिल के ,आ दूर कहीं अब चल दें हम
हाथों में हाथ लिये साजन,ज़िन्दगी बहुत अब भाती है

रेखा जोशी



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