छन्द- स्रग्विणी
छन्द- स्रग्विणी मापनी - 212 212 212 212
और देगी हमे क्या दगा ज़िन्दगी प्यार से ले गले तू लगा जिन्दगी गम बहुत है मिले ज़िन्दगी से हमें हैं बहुत से गिले ज़िन्दगी से हमें
रेखा जोशी
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