212. 212. 212. 212
टूट कर दिल हमारा पिया रह गया
ज़िन्दगी का सजन फलसफा रह गया
,
रात भर देखते हम रहे ख्वाब ही
कब हुई सुबह बस देखता रह गया
,
उम्र गुज़ारी सजन दर्द दिल मे लिए
अब यहाँ दर्द का सिलसिला रह गया
,
यूँ सताओ न तुम ज़िन्दगी अब हमें
तीर दिल मे हमारे चुभा रह गया
,
काश मिलती हमें ज़िंदगी में खुशी
ज़िन्दगी से यही इक गिला रह गया
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment