है शतरंज की बिसात पर टिकी यह ज़िन्दगी सोच समझ चलना घात पर टिकी यह ज़िन्दगी न जाने कब चल दे कोई टेढ़ी चाल यहां हमारी शह और मात पर टिकी यह ज़िन्दगी
रेखा जोशी
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