1222 1222 1222. 1222
नदी नाले रहे है सूख सूखा है यहाँ हर वन सरोवर ताल सूखे तड़पता है अब यहाँ जन जन धरा सूखी यहाँ पौधे रहे है सूख बिन पानी हमें है आस घिर घिर आज बरसेगा यहाँ सावन
रेखा जोशी
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