सत्य वचन की मारी है ,दुखिया वो बेचारी है
सत्य को अपना रही है ,अब थक कर वह हारी है
झूठ का दामन छोड़ कर अब उसकी सच की खातिर
मिटने की तैयारी है, झूठ सत्य पर भारी है
रेखा जोशी
सत्य को अपना रही है ,अब थक कर वह हारी है
झूठ का दामन छोड़ कर अब उसकी सच की खातिर
मिटने की तैयारी है, झूठ सत्य पर भारी है
रेखा जोशी
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