Monday 9 September 2013

मुस्कुराने लगा चाँद

मेरे दिल की उमंगों  ने  ली अंगडाई
चाहतों में मेरी  मुस्कुराने लगा चाँद
......................................... ……
सुहानी चांदनी से भीगता यह बदन
नाचे मन मयूरा  बांवरा ये तन मन
.......................................... ………
उड़ने लगी चाहतें ले के संग कई रंग
हसीन ख्वाबों के पंखों तले मेरा मन
............................................... …
महकने लगी वादियाँ उनकी आहट पर
खिलने लगा मेरी तम्मनाओं का जहां।
................................................
मेरे दिल की उमंगों  ने  ली  अंगडाई
चाहतों में मेरी  मुस्कुराने लगा चाँद .

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment