Monday, 9 September 2013

मुस्कुराने लगा चाँद

मेरे दिल की उमंगों  ने  ली अंगडाई
चाहतों में मेरी  मुस्कुराने लगा चाँद
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सुहानी चांदनी से भीगता यह बदन
नाचे मन मयूरा  बांवरा ये तन मन
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उड़ने लगी चाहतें ले के संग कई रंग
हसीन ख्वाबों के पंखों तले मेरा मन
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महकने लगी वादियाँ उनकी आहट पर
खिलने लगा मेरी तम्मनाओं का जहां।
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मेरे दिल की उमंगों  ने  ली  अंगडाई
चाहतों में मेरी  मुस्कुराने लगा चाँद .

रेखा जोशी

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