Monday, 23 September 2013

विरह



नयनों  में लौ दिये की जला कर
पथ में पिया के पलके बिछा कर
निहार रही वह राह प्रियतम की
दिल में विरह की पीड़ा छुपा कर

रेखा जोशी 

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