Tuesday, 10 September 2013

रोला छंद

रोला  छंद 
मात्रा - ११ ,१३ , चार चरण अंत में २ गुरु 

याद सवेरे शाम ,राधिका को है आये |
मनभावन है भगवान ,धुन मुरली की बजाये |
गोकुल के गोपाल ,सभी के मन को भाये |
मनमोहन चितचोर ,दिल सबका है चुराये। 

रेखा जोशी 

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