Monday, 2 September 2013

उड़ने वाले पंछी

ओ  उड़ने  वाले  पंछी सुन ,बता तेरा क्या नाम है
अपने  सुंदर पंख  बिखेरे,  फुदक रहे सुबह शाम है
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मस्त पवन दे रही हिचकोले, डाली डाली झूल रहे
मेरी बगिया में तुम आ के ,गाना मधुर सा गा रहे
रंग बिरंगी  तेरी काया ,रूप  अनुपम तुमने पाया
दूर देश के पंछी हो तुम , अब  आगे  कहाँ जा रहे
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रंग बिरंगी  तेरी काया ,रूप  अनुपम तुमने पाया
मधुर  कंठ  है  तूने  पाया ,गीत  मधुर  तूने  गाया
आज़ाद नभ में उड़ते तुम,मुक्त सब बंधनों से हो
मधुर रस से भरा मेरा मन,तूने जिसको बिखराया
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ओ  उड़ने  वाले  पंछी सुन ,बता तेरा क्या नाम है
अपने  सुंदर पंख  बिखेरे,  फुदक रहे सुबह शाम है

रेखा जोशी 

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