बिखेर कर रंग सिंदूरी आसमाँ लाल हुआ हैं
विचरते पंछियों से चहकता उषाकाल हुआ है
मनमोहक नज़ारों से सज रही है धरा ह्मारी
रवि के आगमन से जीवन यहाँ खुशहाल हुआ है
विचरते पंछियों से चहकता उषाकाल हुआ है
मनमोहक नज़ारों से सज रही है धरा ह्मारी
रवि के आगमन से जीवन यहाँ खुशहाल हुआ है
रेखा जोशी
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