Tuesday, 27 May 2014

क्यों नमक घावों पर छिड़क दिया तुमने ज़िंदगी

किसको सुनायें 
हम अपनी दुःख भरी 
दास्तान 
इतनी बेरहम नही 
थी कभी  
ज़िंदगी हमारी 
थे मिले ज़ख़्म 
पहले भी 
सह लिये 
जो कभी 
हँस  कर हमने 
कुरेद कर फिर उन्हें 
क्यों नमक घावों पर 
छिड़क दिया 
तुमने 
ज़िंदगी 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment