मन को बस कर ले मना ,मन से बड़ा न कोय ।
मन में मना जोत जला ,जग उजियारा होय ॥
जानकी के राम भये ,राधा के गोपाल ।
मीरा घनश्याम भजे ,भजे नंदगोपाल ।।
छलके नीर नैनो से ,बिन बादल बरसात ।
पिया तो परदेस गये ,याद आए दिन रात ॥
समय बलवान सभी से ,समय की तेज़ धार ।
राजा रंक बन जाये ,रंक है महाराज ॥
चार दिनो की चांदनी ,फिर अन्धेरी रात ।
सबसे प्यार तुम कर लो ,जीवन का यह सार
रेखा जोशी
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