चीर घोर अन्धकार को वह रोशनी दिखाता है
अँधेरे से उजाले में वह बाहँ पकड़ लाता है
करते है नमन ऐसे महान गुरू को हम सब मिल
ज़िंदगी जीने के लिए नव राह जो दिखलाता है
अँधेरे से उजाले में वह बाहँ पकड़ लाता है
करते है नमन ऐसे महान गुरू को हम सब मिल
ज़िंदगी जीने के लिए नव राह जो दिखलाता है
रेखा जोशी
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