Monday, 6 December 2021
Tuesday, 30 November 2021
चाय
Friday, 26 November 2021
हो रहा है जो उसे होने दो
Monday, 22 November 2021
ओम की गुंजन
ओम की गुंजन
ओम के जाप से हो जाता शान्त मन
गूंज से इसकी हो जाता कंपित तन
,,
वेदों में बतलाया ओम का स्वरूप
है ओम की महिमा सदा सत्य सनातन
,,
ओ उ म में है समाया सारा ब्रह्माण्ड
गूंगा भी करता है ओम का उच्चारण
,,
जप कर ओम नाम होता कल्याण सबका
ओम ही साकार रूप ओम ही निर्गुण
,
ओम जाप से जाते कट सभी के पाप
है कण कण में समाई ओम की गुंजन
रेखा जोशी
Friday, 19 November 2021
शीर्षक तेरी ज़िद
Thursday, 19 August 2021
मुक्तक
Friday, 13 August 2021
हिंदोस्तां हमारा,दुनिया से है ये न्यारा
Friday, 30 July 2021
"थाली ". नवगीत
Tuesday, 27 July 2021
हाइकु
Tuesday, 13 July 2021
We and our elderly folks
Sunday, 11 July 2021
Journey of a leaf
Wednesday, 7 July 2021
How to increase your mental power
Medically and scientifically it has been proven that if you are happy for 48 hours. without a single moment of anger, worry and restlessness, you can increase. your mental ability
Your body and mind will function optimally. Everything will change for you but along with this you also have to take care of some things which are as follows:-
No smoking
Gotta quit smoking. The mental power of the smokers is greatly reduced.
Nutritious food
20% of our food goes to nourish the brain, so we have to pay attention to nutritious food as well.
Increase the efficiency of brain
We have to talk more than before, due to this the brain cells remain active and their efficiency increases. Thinking is a kind of exercise for our brain.
Keep your mind busy with intellectual tasks
The mind will always have to be kept busy in those tasks which require intelligence., like quiz solving, Sudoku etc. Due to which maximum part of your brain will be active.
Learning new language
It is proven that learning a new language helps to improve people's thinking skills and memory abilities. Bilingual students can concentrate better, ignoring distractions more effectively than those who only speak one language. “Because the language centers in the brain are so flexible, learning a second language can develop new areas of your mind and strengthen your brain's natural ability to focus." and hence increases your mental power.
Meditation increases mental power
Meditation quieting the mind and generates feelings of relaxation. The brain then sends signals of blissfulness to the entire body, which then reorganises itself into a restful and stress-free state.
"Instead of having brain matter generated through states of stress, meditation provides the brain with blissful experiences that increase the capability in every area," It is seen that meditation enhance the
creative power, increases the learning ability and intelligence. Meditation is not just a psychological or mood-enhancing tool but a way to grow and access more brain power."
If the working capacity is increased to three hours instead of two hours, then your brain also responds to the increasing work by activating its dull parts, thereby increasing mental power
So friends, keep all these things in your mind you can increase your mental power
Rekha Joshi
Wednesday, 30 June 2021
जिंदगी कुछ सवाल हैं तुझसे
जिंदगी तुमसे कोई शिकायत तो नहीं
लेकिन कुछ सवाल हैं तुझसे
ऐसी क्या ख़ता हुई जो
सारे जहां का दर्द दिया मुझे
गैरों से क्या गिला शिकवा
अपनों से ही मिला धोखा हमें
हमने तो बिछाये थे राहों पर फूल
फिर कांटों का सिला क्यों मिला हमें
जिनको समझा था अपना हमने
था प्यार किया कभी हमने
निकले फरेबी अपने ही
सिवा आसुओं के कुछ न मिला
न समझा किसे ने भी हमें
किससे करें शिकायत
कैसे जियें जीवन यह हम
कोई भी तो नहीं हमारा इस जहां में
कोई भी तो नहीं हमारा इस जहां में
रेखा जोशी
Wednesday, 23 June 2021
ओम की महिमा
ॐ के जाप से जहां मन को शांति मिलती है वहीं इसके उच्चारण से हमारे पूरे शरीर में इसकी ध्वनि गूंजती है, ॐ के उच्चारण से ही शरीर के अलग अलग भागों मे कंपन शुरू हो जाती है जैसे की ‘अ’:- शरीर के निचले भाग में पेट के पास कंपन करता है. ‘उ’– शरीर के मध्य भाग में कंपन होती है जो की छाती.के पास ‘म’ शरीर के मस्तिष्क में कंपन करता है, ॐ शब्द के उच्चारण से कई शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक लाभ मिलते हैं. अमेरिका के एक FM रेडियो पर सुबह की शुरुआत ॐ शब्द के उच्चारण से ही होती है. l वेदों के अनुसार जिस सनातन सत्य की महिमा का वर्णन किया गया है विज्ञान धीरे-धीरे उससे सहमत होता नजर आ रहा है।धार्मिक मान्यताओं में तो ओम को महामंत्र माना ही जाता है, वैज्ञानिकों के अनुसार भी हमारे पूरे ब्रह्मांड में ओम की गुंजन जैसी ध्वनि रिकार्ड की गई है l ओम का उच्चारण एक गूँगा भी कर सकता है, यहां तक कि स्पीच थेरेपी में भी इसका उच्चारण करवाया जाता है l
रेखा जोशी
Friday, 4 June 2021
उजाला मेहरबाँ हुआ
आफताब को छू कर
आफताब हुआ
अंधेरा था छाया
उजाला मेहरबाँ हुआ
भर ली उड़ान पंछियों ने
मुस्कुराने लगे फूल
चहकने लगी बुलबुल
गुलशन गुलज़ार हुआ
हवा के शीतल झोंको से
सिहर उठा तन मन
आफताब होने से
सारा जहां रौशन हुआ
रेखा जोशी
Thursday, 3 June 2021
प्रकृति का गीत संगीत
प्रकृति का मधुर गीत है पर्यावरण
वनसम्पदा का प्रतीक है पर्यावरण
,,
चहकते पंछी कुहुकती कोयलिया
छलकते झरने औ महकती बगिया
वसुधा का ये सँगीत है पर्यावरण
,,
अटकी हैं सांसे शहर धुआँ धुआँ
प्रदूष्ण के जाल में लिपटी धरा
आओ बचाएँ धरती का आवरण
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कटे पेड़ सूना अंगना धरा का
है छलनी हुआ ह्रदय धरती माँ का
है पंछी भटक रहे धूमिल गगन
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आओ रूप वसुधा का मिल निखारें
सूनी धरा में खुशियाँ नई बो दें
खेत खलिहान गुनगुनाता पर्यावरण
,,
प्रकृति का मधुर गीत है पर्यावरण
वनसम्पदा का प्रतीक है पर्यावरण
रेखा जोशी
Friday, 28 May 2021
गीतिका - प्रार्थना
जपें जब नाम तेरा राह में प्रभु पास होता है
कृपा तेरी रहे हम पर सदा विश्वास होता है
.
हमेशा हाथ तेरा ही रहे सर पर हमारे प्रभु
करें पूजा यहाँ दिन रात दुख का नास होता है
.
दया इतनी करो भगवन हमारे काज हों पूरें
खड़े हो पास तुम मेरे यही आभास होता है
.
कहीं कोई सहारा जब हमें दिखता नहीं भगवन
पुकारें आपका जब नाम पल वह खास होता है
.
खिले हैं फूल बगिया में महकता है यहाँ उपवन
समाये हो जहाँ में आप कण कण वास होता है
रेखा जोशी
Thursday, 27 May 2021
पंछी आता अकेला जाता अकेला
Sunday, 23 May 2021
मुक्तक
मुक्तक
Saturday, 22 May 2021
Sunday, 16 May 2021
Tuesday, 11 May 2021
मौत का कहर
Friday, 9 April 2021
अनबुझी प्यास
Wednesday, 17 March 2021
जीवन सफर
टेढ़े मेढ़े रास्ते, जीवन डगर
पथरीली राहों पर
जीवन सफ़र मुश्किल
कैसे चलें हम
सम्भल के रखना पांव
जिंदगी की राहें आसान नहीं होती
…
खुशी नहीं गम भी चलें संग संग
जीत नहीं, मिलती हार की ठोकरें भी
हो जाते हैं अपने भी पराये कभी
आंसुओं की होती है यहाँ बरसात भी
कंटीली राहों पर
फूलों की बरसात नहीं होती
जिंदगी की राहें आसान नहीं होती
रेखा जोशी
Monday, 22 February 2021
बाय बाय,टाटा जिंदगी
जन्म और मरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जिसने जन्म लिया एक दिन उसे मरना ही है, हम कहाँ से आए कुछ पता नहीं, हम मर कर कहाँ जाएंगे कुछ पता नहीं और जीवन है कि पल पल गुजरता जा रहा है, समय कब रेत सा हाथ से फिसलता जा रहा है मालूम ही नहीं होता, कल, आज और कल के चलते कब अंतिम पड़ाव आ जाता है पता ही नहीं चलता और उम्र तो केवल एक संख्या है, अरे भाई जब जागो तभी सवेरा, पचास का इंतज़ार क्यूँ, जब इक दिन यह संसार छोड़ना ही है तो किस बात का इंतज़ार,, ईश्वर ने हमें इस दुनिया में भेजा है तो अच्छे कर्म करते जाओ और प्रभु के गुण गाते जाओ और दुनिया दारी के कीचड़ में कमल की भांति जिंदगी जियो l आपसे एक सवाल पूछ रही हूँ, "किस बात की तैयारी करनी है?" मौत तो कभी भी पूछ कर नहीं आती, जब आएगी तो आ ही जायेगी, इसलिए हर वक्त जाने को तैयार रहो लेकिन ऐसे जाओ कि कभी किसी बात का पछतावा न रहे, जिंदगी को बाय बाय,टाटा करने से पहले शुभ कर्म करते हुए भरपूर जीवन जियो ताकि हम शांति से उस पार जा सकें l
रेखा जोशी
Saturday, 20 February 2021
सुख दुख
Sunday, 14 February 2021
यहां सुख दुःख से है भरी जिंदगी
यहां सुख दुःख से है भरी जिंदगी
हर वक्त इम्तिहान लेती जिंदगी
…
जीत मिलती कभी मिलती यहां हार
हमारी धूप छांव जैसी जिंदगी
..
रुकता नहीं वक्त किसी के. वास्ते
लम्हा लम्हा हाथों से फिसलती जिंदगी
..
हैं खुशियाँ कहीं सन्नाटा मौत का
आँसू बहाती कहीं हँसती जिंदगी
..
दो दिन का मेला जीवन इक खेला
न ग़म कर फूल सी महकती जिंदगी
रेखा जोशी
Monday, 8 February 2021
ज्योति प्रेम की
Sunday, 7 February 2021
कोरोना का कहर
Friday, 5 February 2021
सपनों का संसार
रेनू ,सीमा के बचपन की सखी ,एक अत्यंत सरल स्वभाव और सात्विक विचारों वाली प्यारी सी लडकी थी । सीमा को बहुत ही आश्चर्य होता था जब भी रेनू कोई भी सपना देखती थी वह सदा सच हो जाता था ।आने वाली घटनाएं कैसे रेनू को सपनो में ही अनूभूति हो जाती थी ? ऐसे देखा गया है कि पूर्वाभास कई लोगों को हो जाता है परन्तु कितनी विचित्र बात है यह ,जो अभी घटित हुआ ही नही है उसका आभास पहले कैसे हो सकता है ।क्या हमारी जिंदगी की किताब पहले से ही लिखी जा चुकी और हम अपने आने वाले कल का केवल पन्ना पलट कर पढ़ रहें है । ''सपनो की दुनिया भी कितनी अजीब होती है ,सपने में सपना जैसा कुछ लगता ही नही ,बिलकुल ऐसा महसूस होता है जैसे सब सचमुच में घटित हो रहा हो ।
अपने विचारों में खोई सीमा की कब आँख लग गई उसे पता ही नही चला '',उफ़ ,कितना भयानक सपना था ,अच्छा हुआ नींद खुल गई ''डरी हुई सीमा बिस्तर छोड़ ,बाथरूम में जा कर मुहं धोने लगी ,उसके सीने में अभी भी दिल जोर जोर से धडक रहा था और सांस फूली हुई थी |अक्सर हम सब के साथ ऐसा ही कुछ होता है जब भी हम कभी कुछ ऐसा ही भयानक सा सपना देखतें है ,और जब कभी बढ़िया स्वप्न आता है तो नींद से जागने की इच्छा ही नही होती ,हम जाग कर भी आँखे मूंदे उसका आनंद लेते रहते है
|सीमा बार बार उसी सपने के बारे में सोचने लगी ,तभी उसे अपनी साइकालोजी की टीचर की क्लास याद आ गई ,जब वह बी .एड कर रही थी ,सपनो पर चर्चा चल रही थी,''हमारी जागृत अवस्था में हमारे मस्तिष्क में लगातार विभिन्न विभिन्न विचारों का प्रवाह चलता रहता है ,और जब हम निंदिया देवी की गोद में चले जातें तो वह सारे विचार आपस में ठीक वैसे ही उलझ जाते है जैसे अगर ऊन के बहुत से धागों को हम इकट्ठा कर एक स्थान पर रख दें और बहुत दिनों बाद देखें तो हमें वह सारे धागे आपस में उलझे हुए मिलें गे , ठीक वैसे ही जब हम सो जाते है हमारे सुप्त मस्तिष्क के अवचेतन भाग में वह उलझे हुए विचार एक नयी ही रचना का सृजन कर स्वप्न का रूप ले कर हमारे मानस पटल पर चलचित्र की भांति दिखाई देते हैl
फ्रयूड के अनुसार हम अपनी अतृप्त एवं अधूरी इच्छायों की पूर्ति सपनो के माध्यम से करते है ,लेकिन दुनियां में कई बड़े बड़े आविष्कारों का जन्म सपनो में ही हुआ है ,जैसे की साइंसदान कैकुले ने छ सांपो को एक दूसरे की पूंछ अपने मूंह में लिए हुए देखा,और बेन्जीन का फार्मूला पूरी दुनिया को दिया | अनेकों साईकालोजिस्ट्स ने सपनो की इस दुनिया में झाँकने की कोशिश की, लेकिन इस रहस्यमयी दुनिया को जितना भी समझने की कोशिश की जाती रही है ,उतनी ही ज्यादा यह उलझाती रही है |हमें सपने क्यों आते है ?कई बार सपने आते है और हम उन्हें भूल जातें है ?हमारी वास्तविक दुनिया में सपनो का कोई योगदान है भी या नही ,और कई बार तो हमारे सपने सच भी हो जाते है |अनगिनत सवालों में एक पहलू यह भी है ,जब हम सो जाते है तब हमारा जागृत मस्तिष्क आराम की स्थिति में चला जाता है और उस समय मस्तिष्क तरंगों का कम्पन जिसे फ्रिक्युंसी कहते है ,जागृत अवस्था की मस्तिष्क तरंगो की अपेक्षा घट कर आधी रह जाती है ,उस समय हमारी बंद आँखों की पुतलिया घूमने लगती है जिसे आर ई एम् कहते है ,मस्तिष्क की इसी स्थिति में हमे सपने दिखाई देते है |एक मजेदार बात यह भी उभर के आई कि जब हम ध्यान की अवस्था में होते है तो उस समय भी मस्तिष्क तरंगों की कम्पन कम हो जाती है और हम जागृत अवस्था में भी आर ई एम की अवस्था में पहुंच सकते है ,अगर उस समय हम जागते हुए भी कोई सपना देखते है तो उसे हम पूरा कर सकते है |
सीमा के मानस पटल पर बार बार रेनू का चित्र उभर कर आ रहा था ,शायद वह हमेशा ध्यानावस्था में ही रहती हो ,इसी कारण उसके मस्तिष्क के तरंगों की फ़्रिक्युएन्सी कम ही रहती हो और वह जो भी सपना देखती है वह सच हो जाता हो । सीमा के मस्तिष्क में भी अनेक विचार घूम रहे थे और वह बिस्तर पर लेट कर ध्यान लगाते हुए अपने सपनो के संसार में पहुंचना चाह रही थी ताकि वह भी अपने सपनो को सच होते देख सके ।
रेखा जोशी
Friday, 29 January 2021
इंतजार
अधूरी कहानी
अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है
चोट रूह की है इसलिए दर्द ज़रा गहरा है
..
खानी है अभी और चोट औ सहना है दर्द भी
किस को सुनायें हाल ए दिल हर कोई बहरा है
.
चीख रही रूह हमारी लेकिन होंठ सिले हुए..
रुक रही अब साँस आँसू आंखों पर ठहरा है
..
दर्द ही दर्द हैं जिंदगी में हर कोई बेखबर
खिले थे फूल चमन में बना अब तो यह सहरा है
..
गुजर गई है जिंदगी आंसुओ से भीगी हुई
टूटा दिल हमारा बसा नैनों में इक चेहरा है
रेखा जोशी
Thursday, 28 January 2021
दिल चाहता है
दिल चाहता है छूना आसमान
काम नहीं है यह इतना आसान
..
करना है पूरा जो चाहतों को
बना लो मेहनत अपना ईमान
.
चाहने से नहीं कभी कुछ मिलता
हौसलों को करो अपने परवान
..
कमर कस जुटो पाने को लक्ष्य तुम
जुटा लो सभी अपने सारे समान
..
छू लोगे इक दिन बुलंदियां तुम फिर
पूरे होंगे फिर सारे अरमान
रेखा जोशी
Saturday, 23 January 2021
Essence of life
Saturday, 9 January 2021
सार जीवन का
Friday, 8 January 2021
On the waves of happiness and sorrow
आने वाला कल
जीना चाह रही
पर जी नही पा रही ज़िंदगी