क्षणिका
हँसती मुस्कुराती
ज़िंदगी में जाने क्यों
आ जाते कुछ
अनवांछित मोड़
टूट जाता दिल जब
लगता सुबकने मन
सजल नैनो से
विदा करते अपनों को
सदा सदा के लिए
रेखा जोशी
हँसती मुस्कुराती
ज़िंदगी में जाने क्यों
आ जाते कुछ
अनवांछित मोड़
टूट जाता दिल जब
लगता सुबकने मन
सजल नैनो से
विदा करते अपनों को
सदा सदा के लिए
रेखा जोशी
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