Saturday, 7 February 2015

संडे को बनाना है फंडे

सुबह सुबह 
मिल गई चाय 
बिस्तर पर बैठे बिठाये 
देख श्रीमती जी को 
शर्मा जी मुस्कुराये 
हाथ पकड़ बोले 
चलो भाग्यवान 
आज संडे मनाये 
कुछ हमारी सुनो
कुछ अपनी सुनाओ
सुनते ही प्यार भरी बाते

श्रीमती जी के माथे  पे 
बल आये
हाथ झटक कर
वह गुर्राई
है आपके लिए
यह संडे फंडे
हमे तो हफ्ते भर का
काम बुलाये

आओ मिल कपडे धोयें
फिर खाना बनायें
बच्चों को होमवर्क कराये
शाम को घर के लिये
हफ्ते भर का मार्किट से
सामान लायें
संडे को बनाना है फंडे
तो जल्दी से तैयार हो जाईये
घर के हर काम को संग हमारे
मज़े लेते हुए
करते जाईये
बात सुन श्रीमती जी की
शर्मा जी बोले
काम वाम को भूल जायें
आज एक
अच्छी सी मूवी देख आयें


रेखा जोशी 

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