बिछुड़ गये वह मीत मेरे जीवन पथ पर हमे मिले थे
बीत गये अब वह मधुर क्षण जब तुम संग मेरे चले थे
चुपचाप कहीं छुप गया वह मनोहर सा सुंदर चेहरा
सूनी है आज यह राहें जहाँ पर कभी फूल खिले थे
रेखा जोशी
बीत गये अब वह मधुर क्षण जब तुम संग मेरे चले थे
चुपचाप कहीं छुप गया वह मनोहर सा सुंदर चेहरा
सूनी है आज यह राहें जहाँ पर कभी फूल खिले थे
रेखा जोशी
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