महक अपनी से हमे लुभाते है फूल
मत कर प्यार खार भी चुभाते है फूल
कर न दे कहीं जला कर यह दिल को राख
कभी कभी आग भी बरसाते है फूल
रेखा जोशी
मत कर प्यार खार भी चुभाते है फूल
कर न दे कहीं जला कर यह दिल को राख
कभी कभी आग भी बरसाते है फूल
रेखा जोशी
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