रफ्ता रफ्ता देखो यह जलाती रही ज़िंदगी हमें
दर्द ए गम से हरदम मिलाती रही ज़िंदगी हमें
सहलाया पत्तों ने भी शबनम की बूँदों को सजन
कतरा कतरा आँसू पिलाती रही ज़िंदगी हमें
रेखा जोशी
दर्द ए गम से हरदम मिलाती रही ज़िंदगी हमें
सहलाया पत्तों ने भी शबनम की बूँदों को सजन
कतरा कतरा आँसू पिलाती रही ज़िंदगी हमें
रेखा जोशी
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