Thursday, 19 February 2015

खुल गया पिटारा यादों का

तस्वीर देख अपनी
चौंक उठी 
नही तस्वीर यह मेरी
हाँ कोई
है जाना पहचाना सा चेहरा
छिप चुका जो कभी 
वक्त के आँचल तले
कुछ अदद सी यादें समेटे 
खुल गया पिटारा
यादों का
और
खो गई उनमे मै
फिर से एक बार

रेखा जोशी

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