तस्वीर देख अपनी
चौंक उठी
नही तस्वीर यह मेरी
हाँ कोई
है जाना पहचाना सा चेहरा
छिप चुका जो कभी
वक्त के आँचल तले
कुछ अदद सी यादें समेटे
खुल गया पिटारा
यादों का
और
खो गई उनमे मै
फिर से एक बार
रेखा जोशी
चौंक उठी
नही तस्वीर यह मेरी
हाँ कोई
है जाना पहचाना सा चेहरा
छिप चुका जो कभी
वक्त के आँचल तले
कुछ अदद सी यादें समेटे
खुल गया पिटारा
यादों का
और
खो गई उनमे मै
फिर से एक बार
रेखा जोशी
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