Sunday, 8 February 2015

पथ में पलक बिछाये इंतज़ार करते रहे

तुम्हारी चाहत लिये   हम पल पल मरते रहे
पथ   में  पलक   बिछाये  इंतज़ार करते  रहे
दिन  का सुकून और रातों  की नींद  उड़ गई
अनजान बने  तुम्ही इस दिल में धड़कते रहे

रेखा  जोशी 

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