पल पल जीवन का बदले यहाँ स्वरूप
है कहीं पर छाँव और कहीं यहाँ धूप
भर लो झोली खुशियों से इस जीवन में
क्या मालूम किस पल बदले यहाँ रूप
रेखा जोशी
है कहीं पर छाँव और कहीं यहाँ धूप
भर लो झोली खुशियों से इस जीवन में
क्या मालूम किस पल बदले यहाँ रूप
रेखा जोशी
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