कहीं मिले ज़िंदगी कहीं ज़िंदगी तले मौत जीतना है
मिली किसी को हजार खुशियाँ कहीं मिली आज वेदना है
नही मिली ज़िंदगी मुकम्मल यहाँ इसे ढूँढ़ते सभी जन
मिले हमे ज़िंदगी जहाँ में कभी यही आज कामना है
खिले यहाँ फूल राह में ज़िंदगी सुहानी बने हमारी
ख़ुशी मिले कब हमें जहाँ में सजन यही आज जानना है
यहाँ मिले गम हमें सुनाये किसे पुकारें किसे जहाँ में
नहीं हमारा जहान में गम हमें यहाँ आज झेलना है
नहीं मिला प्यार ज़िंदगी आज शाम में ढल गई सजन अब
न रात गुज़री यहाँ न सुबह' हुई अँधेरा यहाँ घना है
रेखा जोशी
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