Sunday, 29 November 2015

जाने क्यों आये सजन हमारी दुनिया में तुम

कट रही थी यहाँ  ज़िंदगी अच्छी भली हमारी
यह ज़िंदगी  बिन  तुम्हारे   बेहतर थी  हमारी
जाने  क्यों आये सजन  हमारी दुनिया में तुम
आ  कर  अब छीनी  तुमने हमसे ख़ुशी हमारी

रेखा जोशी

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