आओ चलें कहीं दूर ,
हाथों में लेकर हाथ , कहनी दिल की बात है ।
झूमते नभ पर तारे ,
चाँदनी गुनगुना रही ,मुस्कुरा रहा चाँद है ।
चाँदनी गुनगुना रही ,मुस्कुरा रहा चाँद है ।
खिलते सुमन उपवन में ,
तितली नाचे झूम के ,छाई बहार ख़ास है
तितली नाचे झूम के ,छाई बहार ख़ास है
सजन गये अब परदेस ,
राह निहारती गोरी ,पिया मिलन की आस है ।
राह निहारती गोरी ,पिया मिलन की आस है ।
चमका सूरज गगन पर ,
गुज़ारा दिन यादों में ,आई अब तो शाम है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment