Wednesday, 11 November 2015

खोये हम जाने कब से रहे भटक तन्हा तन्हा हम

दिल की लगी को 
दिल लगा कर
तुमसे
अब समझे हम 


छुपाये अपने नयनों में 
अश्क 
याद तेरी संग 

खोये हम
जाने कब से रहे  भटक
तन्हा तन्हा हम 

इक कसक इक  टीस 
दिल में छुपा कर 
खो गये  हो तुम

छोड़ा हमे 
सिसकते हुये 
लगाया 
दर्द सीने से 

याद को तेरी
बना लिया साथी 
उम्र भर के लिए  

दिल की लगी को
दिल लगा कर
तुमसे
अब समझे हम , 

रेखा जोशी

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