गीतिका
फूल गुलशन में महकने से रहा
दिल हमारा अब बहलने से रहा
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रात साजन नींद में अब सो गई
थाम दामन भोर चलने से रहा
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चाह तेरी इस कदर रुला गई
नीर नैनों का बहने से रहा
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पास आओ तुम कभी तो हमसफ़र
वक्त तो अब यह बदलने से रहा
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साथ तेरा तो निभाया ज़िंदगी
साथ तेरे आज चलने से रहा
रेखा जोशी
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चाह तेरी इस कदर रुला गई
नीर नैनों का बहने से रहा
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पास आओ तुम कभी तो हमसफ़र
वक्त तो अब यह बदलने से रहा
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साथ तेरा तो निभाया ज़िंदगी
साथ तेरे आज चलने से रहा
रेखा जोशी
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