Saturday, 7 November 2015

खिले है फूल पल दो पल चमन में अब

सजन तेरी हमे जब याद आती है 
ख़ुशी रह रह पिया तब गीत गाती है 
.... 
मचल जाते यहाँ अरमान दिल में जब 
सुहानी रात भी तब गुनगुनाती है 
....
चले आओ पुकारें आज दिल मेरा 
चँदा की चाँदनी भी  अब बुलाती है 
.... 
पुकारे ज़िंदगी जी लो यहाँ हर पल 
अभी तो ज़िंदगी भी मुस्कुराती है 
.... 
खिले है फूल पल दो पल चमन में अब 
बहारें आज साजन खिलखिलाती है 

रेखा जोशी 


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