Sunday, 8 November 2015

चाहे तमस काली हो कितनी भी

दीपक  प्रेम   के यहाँ जलते रहें
सदा  बाती दिया सा  जलते  रहे
चाहे तमस काली हो कितनी भी
आस  के  दीपक सदा जलते  रहे

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment