चंचल नैना दुल्हन के आँचल की ओट से
मुस्कुराता चाँद जैसे बादल की ओट से
रस छलकाते दुल्हन के बाँवरे नैना है
देखा अपने प्रियतम को पाये न चैना है
रेखा जोशी
मुस्कुराता चाँद जैसे बादल की ओट से
रस छलकाते दुल्हन के बाँवरे नैना है
देखा अपने प्रियतम को पाये न चैना है
रेखा जोशी
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