देख जलमहल नैनो में कुछ बिम्ब उभरने लगे
कपाट गुज़रे ज़माने के अचानक खुलने लगे
गूँजने लगी कानों में मधुर खिलखिलाती हसी
जीवंत हो उठे बीते पल आज महकने लगे
रेखा जोशी
कपाट गुज़रे ज़माने के अचानक खुलने लगे
गूँजने लगी कानों में मधुर खिलखिलाती हसी
जीवंत हो उठे बीते पल आज महकने लगे
रेखा जोशी
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