नींद से तुम हमें जगाते रहे बार बार
ख्वाबों में तुम हमें सताते रहे बार बार
....
चैन ओ सकून लेकर कहाँ चले हमारा
हाल ऐ दिल अपना सुनाते रहे बार बार
....
रात दिन खिलते रहे दिल में कमल यादों के
यादों में आकर रुलाते रहे बार बार
....
जो जख्म दिल को मिले नासूर हो गये आज
मुहब्ब्त में दिल को जलाते रहे बार बार
....
क्या करें तुम्हे न भूल पायें गे ज़िंदगी भर
दर्द ऐ दिल अपना छिपाते रहे बार बार
रेखा जोशी
ख्वाबों में तुम हमें सताते रहे बार बार
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चैन ओ सकून लेकर कहाँ चले हमारा
हाल ऐ दिल अपना सुनाते रहे बार बार
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रात दिन खिलते रहे दिल में कमल यादों के
यादों में आकर रुलाते रहे बार बार
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जो जख्म दिल को मिले नासूर हो गये आज
मुहब्ब्त में दिल को जलाते रहे बार बार
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क्या करें तुम्हे न भूल पायें गे ज़िंदगी भर
दर्द ऐ दिल अपना छिपाते रहे बार बार
रेखा जोशी
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