गुलाबों का मौसम आया बगिया में बहार
है कुहकती कोयलिया अब अंबुआ की डार
हर्षौल्लास से थिरकते झूम रहे आज सब
है मदमस्त चल रही यहाँ फागुन की बयार
रेखा जोशी
है कुहकती कोयलिया अब अंबुआ की डार
हर्षौल्लास से थिरकते झूम रहे आज सब
है मदमस्त चल रही यहाँ फागुन की बयार
रेखा जोशी
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