Saturday 6 August 2016

ग़ज़ल

बहर:- बहर- ए- रमल मुसम्मिन मख़बून महज़ूफ़
अरकान:- फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन
वज़्न- 2122- 1122- 1122- 22


.2122 - 1122 -1122 - 22 
आज आये प्रभु  तेरे हम  दर  पे  भगवन
नाथ उपकार करो अब  हम पर हे भगवन 
...
हाथ अपने हम सब जोड़ नवायें माथा
साथ देना तुम अब जीवन भर हे भगवन 
....
रात दिन सर प्रभु धरते चरणों में तेरे 
अब सफल जीवन मेरा प्रभु कर हे भगवन 
... 
आज आशीष मिला सब कुछ हमने पाया 
छुप गया दूर कहीं पर अब डर हे भगवन 
... 
आप का प्यार मिला आज मिली दुनिया सब 
आज आये  प्रभु  मेरे तुम  घर हे भगवन 

रेखा जोशी



No comments:

Post a Comment