2122 2122 2122 212
जिंदगी होती हजारों रंग से सबकी सजी
पर उदासी हो हृदय में तो न कुछ भाता कभी
जी रहे हम आस को दिल में बसा कर अब सजन
तुम निभाना साथ साजन अब यहाँ आकर अभी
रेखा जोशी
जिंदगी होती हजारों रंग से सबकी सजी
पर उदासी हो हृदय में तो न कुछ भाता कभी
जी रहे हम आस को दिल में बसा कर अब सजन
तुम निभाना साथ साजन अब यहाँ आकर अभी
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment