Wednesday, 10 August 2016

तुम निभाना साथ साजन अब यहाँ आकर अभी

2122 2122 2122 212
जिंदगी   होती   हजारों   रंग   से  सबकी  सजी
पर  उदासी  हो  हृदय  में  तो न कुछ भाता कभी
जी रहे हम आस को दिल में बसा कर अब सजन 
तुम  निभाना साथ साजन अब यहाँ  आकर अभी 

रेखा जोशी 

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