Tuesday, 9 August 2016

समाये हो भगवान तुम तो कण कण में यहाँ

खोज  में   तेरी  तुम्हे  यहाँ  वहाँ  देखते है
कभी हम ज़मीं तो कभी आसमाँ  देखते है
समाये हो भगवान  तुम तो कण कण में यहाँ   
तुम   ही   तुम  दिखाई  देते  जहाँ  देखते है

रेखा जोशी

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