मुक्तक 01
हमने ज़िन्दगी में तुम्हे अपना जाना
चाहा जी जान से और बना दिवाना
दोस्त बन तुमने क्यों निभाई दुश्मनी
हमने तो तुम्हे प्यार से अपना माना
....
मुक्तक 02
क्यों बैठे रख कर दिल में कबसे दुश्मनी
छोडो यारो आपस की अबसे दुश्मनी
दो दिन की ज़िन्दगी में कर लो तुम दोस्ती
करते जाओ प्यार भूल सबसे दुश्मनी
रेखा जोशी
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