हाइकु [बाढ़ पर ]
जल प्रलय
टूट गई उम्मीद
बहते घर
...
जाये किधर
मंज़िल न ठिकाना
उजड़ा घर
....
दिल में अग्न
रक्षा करो हमारी
हे भगवन
....
साथी बिछड़े
कोई नही अपना
ढूंढते उन्हें
...
पानी बहता
बह गई दुनिया
दिल दुखता
...
रेखा जोशी
जल प्रलय
टूट गई उम्मीद
बहते घर
...
जाये किधर
मंज़िल न ठिकाना
उजड़ा घर
....
दिल में अग्न
रक्षा करो हमारी
हे भगवन
....
साथी बिछड़े
कोई नही अपना
ढूंढते उन्हें
...
पानी बहता
बह गई दुनिया
दिल दुखता
...
रेखा जोशी
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