Saturday, 27 August 2016

सूरज निकला जब ,है पुष्पित उपवन ,बगिया उड़ी तितली ,खिलती कली कली

हुई रौशनी इधर,उजियारा आसमान,महका आँगन अब, यहाँ बगिया खिली
सूरज निकला जब ,है पुष्पित उपवन  ,बगिया उड़ी तितली  ,खिलती कली कली
दस्तक दी सुबह ने , नभ में उड़ते पंछी ,चिड़िया चहक रही , अब सखियाँ मिली
आया दिवाकर अब   ,हर्षित लालिमा लिये ,आसमान  मुस्कुराया  , पवन मनचली


रेखा जोशी


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