हुई रौशनी इधर,उजियारा आसमान,महका आँगन अब, यहाँ बगिया खिली
सूरज निकला जब ,है पुष्पित उपवन ,बगिया उड़ी तितली ,खिलती कली कली
दस्तक दी सुबह ने , नभ में उड़ते पंछी ,चिड़िया चहक रही , अब सखियाँ मिली
आया दिवाकर अब ,हर्षित लालिमा लिये ,आसमान मुस्कुराया , पवन मनचली
सूरज निकला जब ,है पुष्पित उपवन ,बगिया उड़ी तितली ,खिलती कली कली
दस्तक दी सुबह ने , नभ में उड़ते पंछी ,चिड़िया चहक रही , अब सखियाँ मिली
आया दिवाकर अब ,हर्षित लालिमा लिये ,आसमान मुस्कुराया , पवन मनचली
रेखा जोशी
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