साँसों की डोर से
बंधी
मेरी यह ज़िंदगी
है चलती जा रही
ज़िंदगी की धुन पर
थिरकती
मेरी सारी हसरतें
है गीत गा रही
वह इच्छाएँ
बरसों से जिन्हे
था दबा रखा मैने
न जाने क्यों
मचल मचल कर सीने में
पूरा होना
है अब चाह रही
न जाने कब टूट जाये
यह साँसों की डोर
और
बिखर जाये सारे सुर
ज़िंदगी की धुन के
और
रह जायें यूँही
मेरी चाहते अधूरी
इससे पहले मेरी
अनकही कहानी
पूरा होना
है अब चाह रही
रेखा जोशी
बंधी
मेरी यह ज़िंदगी
है चलती जा रही
ज़िंदगी की धुन पर
थिरकती
मेरी सारी हसरतें
है गीत गा रही
वह इच्छाएँ
बरसों से जिन्हे
था दबा रखा मैने
न जाने क्यों
मचल मचल कर सीने में
पूरा होना
है अब चाह रही
न जाने कब टूट जाये
यह साँसों की डोर
और
बिखर जाये सारे सुर
ज़िंदगी की धुन के
और
रह जायें यूँही
मेरी चाहते अधूरी
इससे पहले मेरी
अनकही कहानी
पूरा होना
है अब चाह रही
रेखा जोशी
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