वीर आल्हा छंद
लुटती इज़्ज़त माँ बहनो की ,रोती है बालायें आज ।
आज पुकारे भारत माता ,लाल बचा लो मेरी लाज ॥
टूट गई डोर विश्वास की ,मिट गया अब दीन ईमान ।
जननी रोय आँसू बहाये ,अब माँ बाप का हो सम्मान ॥
जागो माँ के वीर सपूतो ,डूब रहा है भारत आज ।
इसे लूटते तेरे भाई ,क्यों न गिरायें उन पर गाज ॥
धधक रही लालच की ज्वाला ,पनप रहा है भ्रष्टाचार।
है नोच रहे कपूत माँ के ,बंद करें अब अत्याचार ॥
रेखा जोशी
जननी रोय आँसू बहाये ,अब माँ बाप का हो सम्मान ॥
जागो माँ के वीर सपूतो ,डूब रहा है भारत आज ।
इसे लूटते तेरे भाई ,क्यों न गिरायें उन पर गाज ॥
धधक रही लालच की ज्वाला ,पनप रहा है भ्रष्टाचार।
है नोच रहे कपूत माँ के ,बंद करें अब अत्याचार ॥
रेखा जोशी
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