तस्वीर से
निकल कर
आ जाओ अब
राह तुम्हारी न जाने
राह तुम्हारी न जाने
कब से निहार रहे
लम्हा लम्हा
खोये है हम
सुहानी यादों में तुम्हारी
लम्हा लम्हा
खोये है हम
सुहानी यादों में तुम्हारी
बुन रहे हम
सपने सुहाने
ओ साथी मेरे
थम गया वक्त
नही हो रही
खत्म अब
घड़ियाँ इंतज़ार की
रेखा जोशी
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