Tuesday, 19 August 2014

ओ साथी मेरे थम गया वक्त

तस्वीर से 
निकल कर 
आ जाओ अब
राह तुम्हारी न जाने 
कब से निहार रहे
लम्हा लम्हा
खोये है हम
सुहानी यादों में तुम्हारी   
बुन रहे हम 
सपने सुहाने 
ओ साथी मेरे 
थम गया वक्त 
नही हो रही 
खत्म अब 
घड़ियाँ इंतज़ार की 

रेखा जोशी 

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