Thursday, 7 August 2014
गम यहाँ पर ज़िन्दगी में है बहुत
ज़िन्दगी में और भी है गम
सनम
दर्द से आँखे हुई है नम सनम
गम यहाँ पर ज़िन्दगी में है बहुत
है कभी ज़्यादा कभी है कम सनम
रेखा जोशी
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