Friday, 15 August 2014

महक उठी आज तमन्नाऐं दिल की


महक उठी आज तमन्नाऐं दिल की 
गुजरे हो जब से  इन गलियों से तुम 
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खिल उठे तन्हाई के हसीन लम्हे 
यादों में हमारी जब गुजरते  तुम 
बहारे सकून की छा जाती हर ओर 
ख्यालों में हमारे जब आते हो तुम 
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खिल उठती है बगिया मेरे दिल की 
जब गुनगुनाती मै तुम्हारे वह गीत 
सहेज रखी है अब तलक वही यादे
समाये हो जिसमे सिर्फ तुम ही तुम 
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महक उठी आज तमन्नाऐं दिल की 
गुजरे हो जब से  इन गलियों से तुम 

रेखा जोशी 

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